भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥ श्री हनुमान चालीसा छगू हिन्दू धर�
भूत पिशाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥ जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥ श्री हनुमान चालीसा छगू हिन्दू धर�